So sorry!
बहुत दिनों से मन इस पीड़ा से गुजर रहा था लेकिन सोचा था कि कुछ नहीं लिखूंगा, डर भी था कहीं कट्टरवादी ही न करार कर दिया जाऊं । इन वामपंथियों ने शर्त ही ऐसी बना दी है। एक तो हिन्दू (ये सबसे बड़ा पाप है), ऊपर से भाजपा समर्थक और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विचारधारा से प्रेरणा लेने वाला। शर्त ऐसे और आज कल ट्रेंड ऐसी कि कौन अपने को पुराने ख़यालात(उनके शब्दों में) का दिखना चाहता है । हिंदी में भी इंग्लिश न घुसेड़ो तो गंवार कहलाने का डर और गलती से बिहारी टोन में बोल दिया तो…… ना बाबा ना इतनी बेइज़्ज़ती भी नहीं करवानी। क्यों अपना साला दिमागवा ख़राब करना है, बुड़बक कहीं का। इसलिए मैंने कहीं कहीं इंग्लिश घुसेड़ा हूँ । बुरा न मानियेगा और मेरा दर्द समझियेगा । चलो जी जिक्र छिड़ा है तो ऐसे कुछ वामपंथी शब्दावलियों का जिक्र कर देता, मन ही मन मारे शर्म से मरा जा रहा हूँ, इसीलिए तो कूल डूड नहीं कहा जाता ना ।
१) अगर आप हिन्दू है तो आप कम्युनल है या कम्मुनलिस्म को सपोर्ट करते हैं।
१) अगर आप हिन्दू है तो आप कम्युनल है या कम्मुनलिस्म को सपोर्ट करते हैं।
२) गलती से आप हिन्दू है और पूजा करते हैं (आज कल छोड़ दिया है इन लोगों के चक्कर में) तो आप पक्का अंधविश्वासी।
३) गलती से आप हिन्दू है, पूजा करते हैं और टिका लगा लिया है और भगवा वस्त्र धारण कर लिया है तो पक्का आप आरएसएस, बजरंगदल वाले हैं ।
४) अगर आप हिंदू धर्म के विरोधी है और जम के गलियां देते हैं ( Doesn't matter how irrational you're), आप बृहत् सिद्धांतवादी और विकासन्नोमुख सोच के लगते हैं । लगते क्या हैं , आप हैं । मुबारक हो ।
५) #PK का विरोध किया जहाँ पर मेरी आस्था (पूजा करने क्यों कोई जाता है, आप साकार ब्रह्मा (मूर्तियों) की क्यों पूजा करते हैं (इन दोनों चीजों में कोई पाखंड पर चोट नहीं है जो #PK (पिए हुए लोग ) हमें बताने की कोशिश कर रहे हैं ) तो आप "खाखी चड्डी धरी संघी", बजरंगी या तो सागरिका घोष के शब्दों में इंटरनेट हिन्दू फ्रिंज ग्रुप के सदस्य हैं।
६) अगर आप दिवाली, होली या अपने पसंद के किसी भी हिन्दू त्यौहार मानते हैं तो आप घोर पाखंडी और वातावरण को प्रदूषित करने वाले ब्राह्मण दिमाग(Brahminical mind) समर्थक हैं। हाँ अगर आप चर्च जाते हैं, गिटार बजाते हैं तो आप क्रिसमस, New year पर पटाखे चला सकते हैं वो कभी भी प्रदुषण नहीं फैलता हैं। हें काहें कन्फुजिआ रहे हैं। ये बात शाश्वत सत्य है । केवल दिवाली के दिन ही पटाखे छोड़ने से ही प्रदुषण फैलता है। और इस खतरनाक प्रदूषण के बारे में फुल एयर कंडिशन्ड ऑफिस में बैठने वाले ही बताते हैं ताकि आप ग्रीन हाउस के बारे में झुँझलायें। बुड़बक कही के ।
७) गलती से हिन्दू पर्वों पर मुबारकबाद दे दिए तो आप विश्व हिन्दू परिषद के फ्रिंज एलिमेंट हैं। होना है तो DMK, (Tamilian Dravidian Party), करूणानिधि वाली पार्टी की तरह नास्तिकता में विश्वास रखिये जो केवल क्रिसमस और दूसरे धर्म के पर्वो में गायब हो जाते हैं, मुबारकबाद भी हो जाता है। हाँ गणेश चतुर्थी के मुबारकबाद पर नास्तिकता बिलबिला के बाहर आता हैं । होना भी चाहिए, नास्तिक जो ठहरे और हमें अटल जी के शब्दों में "मैं उनकी तरह नास्तिक नहीं हूँ लेकिन जो उनकी नास्तिकता में भी आस्तिकता का सम्मान करना चाहिए"
7) अगर आप एम एफ हुसैन की पेंटिंग्स का विरोध करते हैं तो आपके जैसा जाहिल, बददिमाग और छोटी सोच का आदमी नहीं देखा। आखिर आपकी क्लास क्या है? आपको न तो कला की "क" और न आर्ट्स का "अ" आता है । हाँ सलमान रुश्दी, तस्लीमा नसरीन, दा विंन्सी कोड के लेखक और डैनिश कार्टूनिस्ट जैसे बददिमाग जाहिल और अनपढ़ लोगो का विरोध तो होना ही चाहिए जो कला के नाम पर किसी के धार्मिक भावनाओ को भड़काते हैं। उनकी हिमाकत तो देखिये, लिखने के बाद भी जिन्दा है। आखिर मणि शंकर अय्यर जैसे खाँटी नास्तिक ने मान लिया है कि वो किसी खास धर्म के खिलाफ है। वैसे भी मणि शंकर अय्यर के बारे में बता दें कि खाँटी नास्तिक होने के बाद भी केवल राहुल गांधी को ही देख कर, उनको राजीव गांधी के पुनर्जन्म पर विश्वास होता है । क्या करें नास्तिकता भी कण्डिशनल हो सकती हैं?
८) #PK को टैक्सफ्री कर दिया तो सेक्युलर सरकार (उत्तर प्रदेश और बिहार अभी तक ) है। हाँ विश्वरूपम पर बैन लगाने वाले सेक्युलर सरकारें। भाई वाह। मजा आ गय। इतना ज्ञान।
मैं अब तो डर सा गया हूँ, ये ऊपर लिखे सारे काम करता हूँ। हे भगवान, कौन से केटेगरी में मैं आता हूँ? चलें बाकी बातो की चिंता किये बिना, असली मुद्दे पर आते हैं । मुद्दा भटक न जाये। मुझे इस डर से ही #PK का विरोध नहीं करना। चलो जी नहीं करनी तो नहीं करनी लेकिन एक हमारे मित्र ( Intellectual, progressive, forward looking, secular and many such more words as he subscribe all ideology that believes in bashing all practice of Hinduism and support anything against Hinduism by all means) ने सवाल ही दाग दिया कि जो लोग (उनके शब्दों में आरएसएस वाले लोग) #PK का विरोध कर रहे वो #OMG का विरोध नहीं किये थे? परेश रावल से सवाल नहीं किये थे? बात तो सही कही है भाई ने। एक दम खरा खरा। कोई है जवाब? बड़े आये तो मुंह उठा कर #PK (Such a nice movie)। और तो और परेश रावल आज कल भाजपा के कोटे के लोकसभा के सदस्य भी चुने गए हैं । घोर अपराध। महा घोर अपराध। इन संघियों (अपने को मिला लेता हूँ) ने विरोध भी नहीं किया|
मैं आपके सोच को दाद देता हूँ क्यूंकि आपकी समझ में हिन्दू धर्म इन भाजपाई ,संघी, बजरंगियों की बपौती जो ठहरी । आप तो सेकुलर ठहरे। आपका विरोध करना तो आपेक्षित भी नहीं । कम्युनल वाला दाग जो लग जाएगा । बच के रहिएगा । मेरे ऊपर जो लगा आज तक धो नहीं पाया,शायद केले के रस के साथ मिला हुआ था? इन खुरपातियों को तो जेल में होना चाहिए था । देखते हैं कब मेरे इन मित्रो की बात सुन सेक्युलर सरकार जेल में डालती है ।
और आप कम्युनल लोग इस मुगालते में मत रहिएगा की मैं कोई क्रान्तिकारी हो गया हूँ? ना बिल्कुल ही नहीं , मैंने तो ये सब लिखने की हिम्मत इसलिए की है क्योकि मेरे कलम के पीछे की पहचान इंटरनेट पर आसानी से छिप जाएगी और मैं दिल की बातें भी सब के सामने आसानी से रख दूंगा। आमने सामने बात होगी तो मैं cool dude ही नजर आऊंगा । समझ गए न? चलिए कम बोलना, ज्यादा समझना, You uneducated, non class, orthodox Hindus. Sorry Khakhi chaddi Sanghis :-)
६) अगर आप दिवाली, होली या अपने पसंद के किसी भी हिन्दू त्यौहार मानते हैं तो आप घोर पाखंडी और वातावरण को प्रदूषित करने वाले ब्राह्मण दिमाग(Brahminical mind) समर्थक हैं। हाँ अगर आप चर्च जाते हैं, गिटार बजाते हैं तो आप क्रिसमस, New year पर पटाखे चला सकते हैं वो कभी भी प्रदुषण नहीं फैलता हैं। हें काहें कन्फुजिआ रहे हैं। ये बात शाश्वत सत्य है । केवल दिवाली के दिन ही पटाखे छोड़ने से ही प्रदुषण फैलता है। और इस खतरनाक प्रदूषण के बारे में फुल एयर कंडिशन्ड ऑफिस में बैठने वाले ही बताते हैं ताकि आप ग्रीन हाउस के बारे में झुँझलायें। बुड़बक कही के ।
७) गलती से हिन्दू पर्वों पर मुबारकबाद दे दिए तो आप विश्व हिन्दू परिषद के फ्रिंज एलिमेंट हैं। होना है तो DMK, (Tamilian Dravidian Party), करूणानिधि वाली पार्टी की तरह नास्तिकता में विश्वास रखिये जो केवल क्रिसमस और दूसरे धर्म के पर्वो में गायब हो जाते हैं, मुबारकबाद भी हो जाता है। हाँ गणेश चतुर्थी के मुबारकबाद पर नास्तिकता बिलबिला के बाहर आता हैं । होना भी चाहिए, नास्तिक जो ठहरे और हमें अटल जी के शब्दों में "मैं उनकी तरह नास्तिक नहीं हूँ लेकिन जो उनकी नास्तिकता में भी आस्तिकता का सम्मान करना चाहिए"
7) अगर आप एम एफ हुसैन की पेंटिंग्स का विरोध करते हैं तो आपके जैसा जाहिल, बददिमाग और छोटी सोच का आदमी नहीं देखा। आखिर आपकी क्लास क्या है? आपको न तो कला की "क" और न आर्ट्स का "अ" आता है । हाँ सलमान रुश्दी, तस्लीमा नसरीन, दा विंन्सी कोड के लेखक और डैनिश कार्टूनिस्ट जैसे बददिमाग जाहिल और अनपढ़ लोगो का विरोध तो होना ही चाहिए जो कला के नाम पर किसी के धार्मिक भावनाओ को भड़काते हैं। उनकी हिमाकत तो देखिये, लिखने के बाद भी जिन्दा है। आखिर मणि शंकर अय्यर जैसे खाँटी नास्तिक ने मान लिया है कि वो किसी खास धर्म के खिलाफ है। वैसे भी मणि शंकर अय्यर के बारे में बता दें कि खाँटी नास्तिक होने के बाद भी केवल राहुल गांधी को ही देख कर, उनको राजीव गांधी के पुनर्जन्म पर विश्वास होता है । क्या करें नास्तिकता भी कण्डिशनल हो सकती हैं?
८) #PK को टैक्सफ्री कर दिया तो सेक्युलर सरकार (उत्तर प्रदेश और बिहार अभी तक ) है। हाँ विश्वरूपम पर बैन लगाने वाले सेक्युलर सरकारें। भाई वाह। मजा आ गय। इतना ज्ञान।
मैं अब तो डर सा गया हूँ, ये ऊपर लिखे सारे काम करता हूँ। हे भगवान, कौन से केटेगरी में मैं आता हूँ? चलें बाकी बातो की चिंता किये बिना, असली मुद्दे पर आते हैं । मुद्दा भटक न जाये। मुझे इस डर से ही #PK का विरोध नहीं करना। चलो जी नहीं करनी तो नहीं करनी लेकिन एक हमारे मित्र ( Intellectual, progressive, forward looking, secular and many such more words as he subscribe all ideology that believes in bashing all practice of Hinduism and support anything against Hinduism by all means) ने सवाल ही दाग दिया कि जो लोग (उनके शब्दों में आरएसएस वाले लोग) #PK का विरोध कर रहे वो #OMG का विरोध नहीं किये थे? परेश रावल से सवाल नहीं किये थे? बात तो सही कही है भाई ने। एक दम खरा खरा। कोई है जवाब? बड़े आये तो मुंह उठा कर #PK (Such a nice movie)। और तो और परेश रावल आज कल भाजपा के कोटे के लोकसभा के सदस्य भी चुने गए हैं । घोर अपराध। महा घोर अपराध। इन संघियों (अपने को मिला लेता हूँ) ने विरोध भी नहीं किया|
मैं आपके सोच को दाद देता हूँ क्यूंकि आपकी समझ में हिन्दू धर्म इन भाजपाई ,संघी, बजरंगियों की बपौती जो ठहरी । आप तो सेकुलर ठहरे। आपका विरोध करना तो आपेक्षित भी नहीं । कम्युनल वाला दाग जो लग जाएगा । बच के रहिएगा । मेरे ऊपर जो लगा आज तक धो नहीं पाया,शायद केले के रस के साथ मिला हुआ था? इन खुरपातियों को तो जेल में होना चाहिए था । देखते हैं कब मेरे इन मित्रो की बात सुन सेक्युलर सरकार जेल में डालती है ।
और आप कम्युनल लोग इस मुगालते में मत रहिएगा की मैं कोई क्रान्तिकारी हो गया हूँ? ना बिल्कुल ही नहीं , मैंने तो ये सब लिखने की हिम्मत इसलिए की है क्योकि मेरे कलम के पीछे की पहचान इंटरनेट पर आसानी से छिप जाएगी और मैं दिल की बातें भी सब के सामने आसानी से रख दूंगा। आमने सामने बात होगी तो मैं cool dude ही नजर आऊंगा । समझ गए न? चलिए कम बोलना, ज्यादा समझना, You uneducated, non class, orthodox Hindus. Sorry Khakhi chaddi Sanghis :-)

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